एहे…कूदयो जमना म कन्हियो रसियो लेकै मुरली रै कूदयो जमना म [टेर]

एहे…कूद पड़्यो बनवारी जळ म ग्वाळा रोवै सारा रै
अरै कई ग्वाळा घर म भाज्या कई पुकारै रै कूदयो जमना म [1] टेर

एहे…रोवत-रोवत जसोदा रै जमना तट पर आई रै
अरै म्हानै छोड़ कर कठे गयो तू कंवर कन्हाई रै कूदयो जमना म [2] टेर

एहे…करिसण गयो रै पाताळ लोक म नागण बठी पाई रै
अरै सोयो नाग जगादे नागण बोल्यो कड़ाई रै कूदयो जमना म [3] टेर

एहे…इतनी सुणकै नागण नै झट नाग जगायो जाई रै
अरै लगी फुकारै बदन होयो काळो लिपट्‌यो जाई रै कूदयो जमना म [4] टेर

एहे…धीरै-धीरै करकै परभू नाग नै नाथण लाग्यो रै
अरै नागनाथ नै बारै ल्याकै नाचण लाग्यो रै कूदयो जमना म [5] टेर