सेखावाटी कहबत

1.अंबर कै थेगळी कोनी लागै।
अर्थ:- असंभव कार्य नहीं होता है।


2.अकास म बिजळी चिमकै, गधेड़ो लात बावै।
अर्थ:- निरर्थक आक्रोश का प्रदर्शन करना।


3.ई गांम म पीर, ई गांम म सासरो।
अर्थ:- सब कुछ नजदीक होना।


4.अलूणी सिला कुण चाटै?
अर्थ:- जिस काम में जरा भी स्वार्थ न हो उसे कोई नहीं करेगा।


5.आई भू आयो काम, गई भू गयो काम।
अर्थ:- बहू सुसराल आती है तो काम बढ़ जाता है और चली जाती है तो घट जाता है।


6.आई रुत की खेती, क्यूं करै पछेती?
अर्थ:- अवसर प्राप्‍त होने पर विलम्ब नहीं करना चाहिए।