एहे…गायां रोवै रै कानूड़ा कुण म्हारी सुध-बुध लेवै रै गायां रोवै रै [टेर]

एहे…जमना जी कै जळ म रै कान्हा मळ-मळ कै न्हुवातो रै
आजकाल का मिनख लठ सोटा सै धोवै रै गायां रोवै रै [1] टेर

एहे…गऊवां रो ग्वाळो बणकै हरी-हरी घास चरातो रै
मिलै पराळी सुखी तूड़ी आंख्या रोवै रै गायां रोवै रै [2] टेर

एहे…राधा संग म नाचै गोपिया मधुरी बंसी सुणती रै
कळजुग मांई छायो अंधेरो भगत सोवै रै गायां रोवै रै [3] टेर

एहे…गऊ सिवा अब नाय करी तो नास देस को होसी रै
कमलेस धरम कमाले पाप क्यूं ढोवै रै गायां रोवै रै [4] टेर।