अब कोण जगावै बरहम को ओर कोण जगावै जीव।
कोण जगावै सूरत को तो कोण मिलावै परीत।
बिरह जगावै बरहम को ओर बरहम जगावै जीव।
जीव जगावै सूरत को तो सूरत मिलावै परीत॥
आवागमन का सांसा रै मिटज्या आवागमन का सांसा मिटज्या
मिटै भहम को खटको सुणाऊ थ्हानै बरहम ग्यान को लटको [ टेर ]
पेली धारणा करो सतगुरु की चरणा कै मांई नै लिपटो
मान गुमान थ्हारा छोडो रै मन का अभि रै मान नै पटको [1] टेर
दूजी धारणा करो सतसंग की मिलै ग्यान को गुटको
पाप करम थ्हारा सब धुप ज्यावै फूटै रै पाप को मटको [2] टेर
तीजी धारणा करो रै नांव की चढै भारत पै नटको
असी रै सूरता नांव पै लगावो मिटै रै जमा को झटको [3] टेर
चोथी धारणा चेतन रहज्यो माया नै देख मत अटको
कह जियादास सुणो रै भाई साधो कह सीधो सुरग को सटको [4] टेर।