अम्बर सूं गाडो गुड़ाद्‌यो - भूरती भैंस भूरा पाडा अम्बर परिया गुड़गा गाडा।

आंको बांको आंटियो, आंको म्हांको नांव, ई पाह्‌ळी को अरथ बताद्‌यो नी तो‌ छोडो गांम – झाड़ी को बांकियो कांटो

आठ कूटकली नो सो जाळी, जखी पै बठ्यो बुडो ल्याळी - खाट

आडूं कै आडूं गोडै सूदो गाडूं - खूंटो

आडियो रै आडियो, गोडै सूदो गाडियो, चोटी पकड़ की काडियो - गाडेड़ो मतीरो

आदी कटै सनै पारै, बीच कटै सनै मारै, आखर कटै सनै लागै मीठो, खुसरो खै दियो बिनै आंख को दिठो - काजळ

आर जाऊं बार जाऊं घर म गधेड़ा छोड ज्याऊं - उन्दरा

आर जाऊं बार जाऊं घर म लिंडियो लटका’र ज्याऊं - ताळो

आर जाऊं बार जाऊं घर म सोनो गाड ज्याऊं - बास्ते

ईंय्या की चीज जखी बेठै नाक पै पकड़ै कान नै - चस्मो

ईटुड़ी-मिटुड़ी पूंछ म लगाम चल मेरी मिटुड़ी अगलै गांम - सूई तागो

उकळ-चुकळ बेलड़ी, पोळ-पोळ म रस ई पाळी को पह्‌ळ देदे रिपिया देद्‍यूं दस - जलेबी

ऊपर खाती तळै कुम्हार घीसो घील्डो करै चमार - बिलोवणो

एक ईंय्या को भादूर बीर, गाणो गावै फेर मारै तीर - डांस

एक गांम म लाय लागी, एक गांम म धुंवा, एक गांम म बांस गडोयो एक गांम म कुवा – हुक्‍को

एक गुणी नै ओगुण कर्यो, हरियल पींजरा म दे दियो, देखो जादूगर को कमाल गेरै हर्यो काडै लाल - पान

एक घर म दो यार आपस म दोन्या कै परेम, चालतो रहणो बांको कार, चालबा म दोन्यू हुंस्यार - घड़ी का सुया

एक घर म राजा सोयो दूसरै म पग पसार्यो - ढोलकी

एक थाळ मोती सै भर्यो, सै कै सिर पै मुंदो धर्यो, च्यारूं ओर बो थाळ फेर्यो,  मोती बिसूं एक नै गिर्यो - अकास

एक नार अकास सै उतरी, सिर पै बिकै पग, ईंय्या की नार कुनार को, म्हे कोनी देख्यो जांव - मैना

एक नार नै अचरज कर्यो, सांप मार पींजरा म धर्यो, ज्यूं-ज्यूं सांप ताल नै खावै, सूकै ताल सै मर ज्यावै - दिया की बात्ती

एक प्याली म दो रंग को पाणी - अंडो

एक बिरबानी कै दो टाबर, दोन्या को रंग एक, एक घूमै एक खड़्‍यो रह फेर बी दोन्यू सागै-सागै - चाकी का पाट

एक बिरबानी को पेट बिना आंत, ऊपर तळै दांत ई दांत, मूं सै ले जान निकाळ, कस की सिर का पकड़ै बाळ - कंगी

एक मंढी कै दो बारना, गिदड़ आवै रै जाय - सेडो

एक रांड बिकै सो गांड - चालणो

एक सींग की गा बिनै घालै बत्तो ई खा - चाकी

एक सेठ बिकै दो पेट - गिंवू

एडी चालूं टेडी चालूं चालूं कमरकस ई पाह्‌ळी को पह्‌ळ देदे तन रिपिया देद्‍यू दस - भारी

एडी चालै टेडी चालै टेडा डंक लगावै झैर फेलावै सारै डील म - बांडी

अंख म सूं पंख निकळ्‌या जळ चढ्‍या है सूळी कै तो दो का च्यार होज्या नाही तो जड़ चली जा समूळी - सिर कै कंकाळ की आंख म सूं दूब निकळेड़ी

अंय्या-अंय्या-अंय्या छ तीन दो बंय्या मंगरा म पूंछड़ो ओ तमासो कंय्या-तोल - ताखड़ी

कान कोनी नास कोनी छाती पै कई दांत बिना मूं कै मै गांवू सगळा राग सदा करूं रसीली बात - पेटीबाजो

कान कोन्या, नास कोन्या, छाती पै है कई दांत, बिना मुंडै गांवू घणी है राग - ईकतारो

कान जखै का बडा, देई है छोटी, नरम-नरम सा बाळ, चोकैनो अत्तरो कि कोई पकड़ कोनी सकै, बडी तेज है बिकी चाल - खरगोस

काळी कामळ कटवा धारी एक बळद कै दो हाळी - करोत

काळी-काळी मां लाल टाबर जड़ी नै जा - रेलगाडी

काळी हूं कंकाळी हूं काळै बिल म रहती हूं लाल पाणी पीती हूं मरदा कै सागै रहती हूं - तलवार

काळी हूं मै, गैरो पेट, मेज पै ज्याऊं लेट, मिनख मरता मूं पै लिखता आंक काळा-काळा - स्याई

काळो कब्जो आठ घुंडी दियो झटको ढळगो सुंडी - छत्तो

 

काळो जंगळ सिधी सेवा दो टोरच दो सुरंग बतीस बाठा एक गुफा - मुंडो

काळो सो रूप अर तीखा दांत लचक-लचक चालै प्यारी जिमै मिलै बिनै काटै फेर बी लोग खै आरी - बडी करोत

कुंज्या को नास काटो - एडी-टेडी लकड़ी धमक तळाव बिमै झुलै कान-गुवाळ, कान-गुवाळ की एडी लकड़ी जा पड़ी भूणियै कै पास, भूणियै मारी लो की लात बामण मर्या सो रै साठ, एक बामण बचगो कुंज्या को नास कटगो

कुकड़ू-कू जखो बोलै, सुबरै सगळा नै जगावै, सिर पै लाल कलंगी, गांम की घड़ी खुवावै - मुरगो

कुवै पै जान जिमाद्‌यो - म्हारै कान थ्हारै कान कुवै पै जिमै जान।

कुवै म सूं मोडो बकरो काडद्‌यो - थाळी भरी मोतियां, कोठो भर्यो सिनूर निकळ म्हारा मोडा बकरा, रेवड़ नीसर्यो दूर।

कोठा माली कामळ काडो - चरड़-मरड़ की जुत्ती पैर मै करूं बडाई कोठा माली कामळ काडू मै जाट की जाई

कोठी नै परलै बास पुगाद्‌यो - हात म पुराणी पग म रास चाल म्हारी कोठी परलै बास।

खड़्यो बी लोट्‍यो, पड़्यो बी लोट्‍यो,  बेठ्‍यो अर खै लोट्‍यो - लोटो

गंडकड़ी नै कुवै जोप - काळी गंडकड़ी भर पै सुती मार मंडासो कुवै जुपी

गरमी म लू खै दावै म सीत आनी अर तूफान बण’र ढावूं कह्‌र - भाळ

गरमी म थ्हे मनै खावो हो, पीवो हो, मनै परेम बी करो हो, पण जद मै उबळू तो मेरै सूं डरो बी हो - पाणी

गळा म कामळ, पीठ पै थुओ, राखै थण च्यार, दूद, घी अर देवै रागड़ियो, करै सगळा बिसूं प्यार - गा

गुगो बेठ्‌यो उरलै बास, पग पसार्या परलै बास - दियो, च्यानणो

गैरो फूल गुलाब झुक-झुक झोला खाय, नै माळी कै निपजै नै राजा कै जाय - धमासै को फूल

गोळ-गोळ बिकी आंख्यां, भावै कोनी उजाळो, दिन म सोवै, रात म करै बिचाळो - कोचरी

घर की कसी घर को छाज काल, करै सो करले आज - कसी अर छालो

घूसाळै म घूसाळो घूसाळै म अंडो ई पाह्‌ळी को पह्‌ळ बता नाही तेरै पड़सी डंडो - नारेळ

चर-चर करै सारै दिन, सोर मचावै बोजा पै चढ ज्यावै, काळी धारी पीठ पै तीन, कुतर-कुतर दाणा खावै - किलकटारी