बनड़ी नै द्यो परणाय
बनड़ी बेठी ओखड़ला गोखड़ला दादोजी द्यो परणाय अटीलो आय उतर्यो बागा म-2
बागा म रै बगीच्यां म रावल को बोल गयो बतळाय गयो हरमल को
म्हारै सावै चढी बनड़ी कै निजर लगाय गयो हरमल को-2
काची-काची कळिया तोड़ै ही बागा म-2
मै उळझ पड़ी घूंघट म मुखड़ो निरखै ही दरपण म-2