सेखावाटी लोकगीत

बनड़ी नै द्‍यो परणाय

बनड़ी बेठी ओखड़ला गोखड़ला दादोजी द्‍यो परणाय अटीलो आय उतर्यो बागा म-2
बागा म रै बगीच्यां म रावल को बोल गयो बतळाय गयो हरमल को
म्हारै सावै चढी बनड़ी कै निजर लगाय गयो हरमल को-2
काची-काची कळिया तोड़ै ही बागा म-2
मै उळझ पड़ी घूंघट म मुखड़ो निरखै ही दरपण म-2

जामण जायो

ओ बीरै जेर्यो मेर्यो बरसलो मेव जामण जाया नानेरै भुनै सवावणी जी
ओ बीरा खींवै-खींवै भर्या हीं तळाव जामण जाया नाडा रै खाडा सै भर्या जी
ओ बीरा नाडा म झूरै रै जोटै जामण जाया खाडा म झूरै है पाडिया जी
ओ बीरा जेठूड़ा रो पैलो रै मासै जामण जाया इनर राजा धरराईयो जी
ओ बीरा साडूड़ा रो दूजा मासै जामण जाया हाळिया हळ जोड़िया जी

आरतो

गाय गवाड़ै गोबर ल्यावो-2
ओ जी खना री माटी सायब चिकणी-2
जळ जमना रो नीर मंगायो-2
ओ लीपै सवागण घर आंगणो-2
माणक मोत्यां चोक पुरासो-2
ओ जी ढाळो सिंघासण सायब बसणो-2
ज्यां पै म्हारी बनड़ी बैठो-2
ओ जी करो नै भुआ बाई आरतो-2
ई आरतड़ै रोकर पयो-2
ओ जी सवा मण आखा बाई रै सिगै अढै-2

न्हावण को गीत

अळ-खळ अळ-खळ ननी ए भवास्यां ननी ए भवै ए म्हारो बुगलो मुळ-मुळ ना जी बुगलो बुजै पसरराय जादी देय भखत मत न्हावो जी
देय बखत का सिया ए मरो ला सिया ए मरो ला
दोपारी भलै न्हावो जी दोपारी म धूप पड़ैली धूप पड़ैली च्यार बजे भलै न्हावो जी
च्यार बखत का सिया ए मरो ला सिया ए मरो ला च्यार बजे भलै न्हावो जी

बनड़ी रो गीत

मै तनै बुजूं ए बनड़ी थ्हारै ए बैठण की चोकी कैण घड़ी जी
म्हारै ए सरां म्हारी सईयो बसै खाती को बेटो बणै घड़ी जी
मै तनै बुजूं ए बनड़ी थ्हारै न्हावण को ए कुंडो कैण घड़्‍यो जी
म्हारै ए सरां म्हारी सईयो बसै ए कुम्हारी को बेटो बणै घड़्‍यो जी
मै तनै बुजूं ए बनड़ी थ्हारै ए पैरण का कपड़ा कैण सिंया जी

हळदी को रंग सुरंग

म्हारी हळदी ए रांग सुरांग निपजै मूलावै लाड लडारो दादो जी दाद्‍यां रै मन रळै
मूलावै लाड लडारो बाबोजी बडिया रै मन रळै
मूलावै लाड लडारो चाचोजी चाच्यां रै मन रळै
मूलावै लाड लडारो बीरोजी भाभ्यां रै मन रळै
बनड़ी पीठड़ली दिन च्यार है मूळ-मूळ न्हाय ल्यो
लाडो चावळिया दिन च्यार रूच-रूच जीमै ल्यो