गायां रोवै
एहे…गायां रोवै रै कानूड़ा कुण म्हारी सुध-बुध लेवै रै गायां रोवै रै [टेर]
एहे…जमना जी कै जळ म रै कान्हा मळ-मळ कै न्हुवातो रै
आजकाल का मिनख लठ सोटा सै धोवै रै गायां रोवै रै [1] टेर
एहे…गऊवां रो ग्वाळो बणकै हरी-हरी घास चरातो रै
मिलै पराळी सुखी तूड़ी आंख्या रोवै रै गायां रोवै रै [2] टेर